बिहार  के भूमि का इतिहास

बिहार भूमि का इतिहास

भारतीय सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, बिहार अपने प्राचीन और समृद्ध इतिहास के लिए प्रसिद्ध है।

यह उत्तर भारत के क्षेत्र में स्थित है और अपनी सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक स्थलों, और समृद्धि से भरा हुआ है। बिहार का इतिहास अग्रगामी और समृद्धि भरा है, जिसने इसे एक महत्वपूर्ण राजनीतिक, सांस्कृतिक, और शैक्षिक केंद्र बना दिया है।

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प्राचीन काल:

बिहार का इतिहास वेद, उपनिषद, और पुराणों के अद्भुत विविधता के साथ शुरू होता है।

मौर्य साम्राज्य, जिसका मुख्यालय पाटलिपुत्र (नवादा) था, ने बिहार को एक प्रमुख शक्ति केंद्र बना दिया।

चंद्रगुप्त मौर्य, अशोक जैसे महान सम्राटों ने इस क्षेत्र को विकसित किया और उसे एक शिक्षा और सांस्कृतिक केंद्र बनाया।

मध्यकाल:

मौर्य साम्राज्य के बाद, बिहार ने विभिन्न राजवंशों के अधीन रहा। गुप्त साम्राज्य का अस्तित्व इस क्षेत्र में भी था और यहां के राजा हर्षवर्धन को महत्वपूर्ण स्थान पर रखते थे।

नालंदा, विक्रमशीला, और ओड़ंगब के शिक्षा स्थलों ने बिहार भूमि का इतिहास बिहार को विश्वभर में एक शिक्षा केंद्र के रूप में प्रसिद्ध किया।

मुघल और ब्रिटिश शासन:

मुघल साम्राज्य के समय, बिहार ने एक नए सांस्कृतिक और भौतिक विकास का क्षेत्र बनाया।

यहां के नाथ सम्राट, मुक्तिनाथ, और वीर कुंवर सिंह जैसे योद्धाओं ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया।

1857 की क्रांति में बिहार ने भी भाग लिया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज बुलंद की।

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स्वतंत्रता संग्राम:

बिहार ने भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण पहलुओं में भाग लिया। गांधी जी के नेतृत्व में बिहारी स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ साहसपूर्ण संघर्ष किया और देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपना संघर्ष जारी रखा।

आधुनिक युग:

स्वतंत्रता के बाद, बिहार ने अपने आर्थिक, सामाजिक, और शैक्षिक क्षेत्र में विकास की दिशा में कई कदम उठाए। यहां की खादी उद्योग, कृषि, और उद्यमिता ने राज्य को समृद्धि की ऊँचाइयों तक पहुंचाया है।

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बिहार की सांस्कृतिक धरोहर:

बिहार की सांस्कृतिक धरोहर में विविधता है। यहां के प्रमुख धार्मिक स्थल, विश्वविद्यालय, और ऐतिहासिक स्थलों ने इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बना दिया है। नालंदा विश्वविद्यालय, महाबोधि मंदिर, विक्रमशीला, राजगीर, और पटना सांस्कृतिक धरोहर के अद्वितीय अंग हैं।

इस प्रकार, बिहार भूमि का इतिहास गर्व से भरा हुआ है, जो समृद्धि और सांस्कृतिक विविधता से युक्त है। इसका इतिहास एक महान यात्रा का परिचय कराता है, जिसने इसे एक महत्वपूर्ण राज्य बना दिया है।

 

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